Govardhan Puja 2024: तारीख, शुभ मुहूर्त, विधि, और शुभकामनाएँ

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Govardhan Puja 2024: तारीख, शुभ मुहूर्त, Puja विधि, और शुभकामनाएँ

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा, दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है और यह हिंदू संस्कृति में एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण की रक्षात्मक शक्ति और करुणा का प्रतीक है, जब उन्होंने गोवर्धन पर्वत को उठाकर वृंदावन के लोगों की रक्षा की थी। गोवर्धन पूजा का उद्देश्य प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करना और भगवान कृष्ण की कृपा के लिए कृतज्ञता प्रकट करना है। इस दिन देशभर में परिवार पूजा अनुष्ठान करते हैं और भगवान से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

Table of Contents

इस ब्लॉग पोस्ट आर्टिकल में, हम गोवर्धन पूजा के महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और अपने प्रियजनों के साथ शेयर करने के तरीके के बारे में जानेंगे। आइए गोवर्धन पूजा 2024 (Govardhan Puja 2024) के बारे में सारी जानकारी को समझें, जिसमें तारीख, शुभ मुहूर्त, परंपरागत पूजा विधि और दिल से भेजे जाने वाले संदेश और शुभकामनाएँ शामिल हैं।

गोवर्धन पूजा 2024: तारीख और शुभ मुहूर्त

गोवर्धन पूजा कब है? Govardhan Puja Kab Hai

इस वर्ष गोवर्धन पूजा शनिवार, 2 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी।

गोवर्धन पूजा किस दिन है? Govardhan Puja Kis Din Hai

गोवर्धन पूजा, शनिवार के दिन मनाई जाएगी।

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त: Govardhan Puja 2024 Shubh Muhurat 

पूजा का शुभ समय 2 नवंबर को शाम 6:30 बजे से रात 8:45 बजे तक रहेगा, जो 2 घंटे 45 मिनट का समय है। यह समय उदय तिथि के अनुसार है और भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

कार्तिक प्रतिपदा तिथि का समय:

  • प्रारंभ: 1 नवंबर 2024, शाम 6:16 बजे
  • समाप्ति: 2 नवंबर 2024, रात 8:21 बजे

गोवर्धन पूजा का महत्व Govardhan Puja Importance

गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है, जो भगवान कृष्ण के उपदेशों और उनके रक्षात्मक गुणों का प्रतीक है। इस दिन भगवान कृष्ण की उस दिव्य लीला का स्मरण किया जाता है, जिसमें उन्होंने अपने भक्तों की सुरक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया था। गोवर्धन पूजा के माध्यम से भक्त प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करते हैं और पर्यावरण के महत्व को स्वीकार करते हैं, जैसा कि गोवर्धन पर्वत द्वारा दर्शाया गया है।

इस त्यौहार के माध्यम से परिवार और समाज में प्रेम, आस्था और एकता की भावना को प्रोत्साहित किया जाता है। लोग एकत्र होकर अन्नकूट और भगवान कृष्ण के लिए 56 भोग का आयोजन करते हैं और पूजा संपन्न करते हैं।

यह भी पढे : Diwali Puja 2024: तारीख, समय, शुभ मुहूर्त और शुभकामनाएं

गोवर्धन पूजा की विधि Govardhan Puja Vidhi

हम आपको गोवर्धन पूजा की पूरी विधि बताने वाले हैं, आप इसे पूरा पढ़े और जाने की आप किस तरह गोवर्धन पूजा घर पर कर सकते हैं।

गोवर्धन पूजा के दिन, परिवार अपने घर में एक छोटा सा पूजास्थल बनाते हैं और गोवर्धन महाराज तथा भगवान कृष्ण के आशीर्वाद के लिए पूजा करते हैं। यहाँ घर पर गोवर्धन पूजा करने के लिए चरणबद्ध विधि दी गई है:

सुबह की तैयारी

  • ब्राह्म मुहूर्त में उठें: सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • साफ-सुथरे वस्त्र पहनें: खासकर पारंपरिक वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
  • पूजा स्थल की स्थापना करें: घर के मुख्य स्थान या आंगन में पूजा स्थल स्थापित करें।

गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाना

  • गोवर्धन महाराज की मूर्ति बनाएं: गाय के गोबर का उपयोग करके आंगन में गोवर्धन महाराज की मूर्ति बनाएं।
  • गाय और बछड़े की आकृतियाँ बनाएं: गोवर्धन के साथ गाय, बछड़ा और ब्रज क्षेत्र की आकृतियाँ बनाएं।

पूजा स्थल की सजावट

  • फूलों और माला से सजाएँ: फूलों, भुने चावल और गेंदे की माला से प्रतिमा और पूजा स्थल को सजाएँ।
  • दीप जलाएं: वातावरण को पवित्र और रंगीन बनाने के लिए दीपक (दीये) जलाएँ।

तिलक और भजन गान

  • तिलक लगाएँ: गोवर्धन महाराज की प्रतिमा को रोली, चावल और चंदन का तिलक लगाएँ।
  • भजन गाएँ: भगवान कृष्ण की स्तुति में भजन गाएँ और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करें।

प्रसाद अर्पण

  • दूध, पान, भुने चावल, मिठाई और अन्नकूट अर्पित करें: दूध, पान, भुने चावल, मिठाई और अन्नकूट (विविध व्यंजन) को प्रसाद के रूप में अर्पित करें।

परिक्रमा और आरती

  • परिक्रमा करें: गोवर्धन महाराज की मूर्ति की अपने परिवार के साथ सात बार परिक्रमा करें।
  • आरती करें: गोवर्धन महाराज की आरती करें और भगवान कृष्ण की स्तुति में दीप जलाएँ।

आशीर्वाद लें

  • आशीर्वाद प्राप्त करें: पूजा के अंत में, मूर्ति के सामने नमन करें और परिवार के बड़ों से आशीर्वाद लें।
  • परंपरागत गोवर्धन पूजा भोग: अन्नकूट और 56 भोग

गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण को विशेष भोग अर्पित किया जाता है। अन्नकूट में अनेक प्रकार के व्यंजन तैयार किए जाते हैं, जिन्हें 56 भोग या “छप्पन भोग” के रूप में जाना जाता है। इसका उद्देश्य भगवान कृष्ण के प्रति आभार प्रकट करना और भक्ति का प्रदर्शन करना है। यह परंपरा न केवल देवता के प्रति प्रेम को दर्शाती है, बल्कि परिवार और समाज में एकता और खुशहाली का प्रतीक भी है।

गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ और संदेश Govardhan Puja Wishes in Hindi 

गोवर्धन पूजा के इस पवित्र अवसर पर अपने प्रियजनों को शुभकामनाएँ भेजना आशीर्वाद और खुशियाँ बाँटने का सुंदर तरीका है। यहाँ कुछ दिल से भेजे गए संदेश और शुभकामनाएँ हैं:

परिवार और दोस्तों के लिए गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएँ Govardhan Puja Wishes for Family and Friends

“इस पवित्र गोवर्धन पूजा पर भगवान कृष्ण आपके और आपके परिवार की हर बुराई से रक्षा करें। आपको शांति और समृद्धि की शुभकामनाएँ।”

“गोवर्धन पूजा के इस दिन का आशीर्वाद आपको खुशियाँ, शांति और सफलता प्रदान करें। हैप्पी गोवर्धन पूजा!”

“भगवान कृष्ण की कृपा से आपके जीवन में खुशहाली और सुख समृद्धि आए। गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ!”

गोवर्धन पूजा के लिए प्रेरणादायक उद्धरण Govardhan Puja Quotes

“गोवर्धन पूजा हमें भगवान कृष्ण की दिव्य शक्ति और प्रेम की याद दिलाती है। उनकी कृपा हमेशा आपकी रक्षा करे और आपके जीवन में खुशी लाए।”

“इस पावन दिन पर भगवान कृष्ण की अनंत कृपा को याद करें और उनकी अनंत प्रेम और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त करें।”

आधुनिक संदर्भ में गोवर्धन पूजा का महत्व

आज के समय में, गोवर्धन पूजा पर्यावरण के संरक्षण और सराहना का संदेश देती है। भगवान कृष्ण द्वारा प्रकृति की सुरक्षा से प्रेरित होकर, भक्तों को पर्यावरण के अनुकूल पूजा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। बायोडिग्रेडेबल सजावट, प्राकृतिक रंगों, और पारंपरिक प्रसाद के उपयोग से इस पूजा का आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है।

गोवर्धन पूजा का आनंद उठाने के टिप्स Govardhan Puja Celebration Tips

  • त्योहार का माहौल बनाएं: घर को गेंदे के फूलों, रंगोली, और मिट्टी के दीयों से सजाएँ।
  • परिवार के सदस्यों को शामिल करें: पूजा में परिवार के सभी सदस्यों को शामिल करें ताकि सभी मिलकर प्रसाद तैयार कर सकें।
  • भजन गाएँ: भगवान कृष्ण के भजनों से माहौल को शांत और भक्तिमय बनाएं।
  • घर का बना प्रसाद अर्पित करें: अपने हाथों से बनाया गया प्रसाद अर्पित करें, जिससे आपकी भक्ति को विशेष अर्थ मिले।

निष्कर्ष Govardhan Puja 2024

गोवर्धन पूजा सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं है; यह भगवान कृष्ण के दिव्य प्रेम, रक्षा और आशीर्वाद की याद दिलाती है। चाहे आप इसे परिवार के साथ मना रहे हों या दूर से अपने प्रियजनों को शुभकामनाएँ भेज रहे हों, यह पवित्र दिन हमारे जीवन में आनंद, कृतज्ञता, और आस्था लेकर आता है। गोवर्धन पूजा के अनुष्ठानों का पालन करके और शुभकामनाएँ साझा करके हम कृष्ण के दिव्य आशीर्वाद को फैला सकते हैं और प्रेम, एकता और भक्ति की भावना का सम्मान कर सकते हैं।

इस गोवर्धन पूजा पर आस्था और कृतज्ञता का उत्सव मनाएँ और अपने जीवन में शांति, समृद्धि और खुशी लाएँ।

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गोवर्धन पूजा 2024 से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्न Govardhan Puja FAQs

Q1. Govardhan Puja 2024 kya hai?

गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्यौहार है, जो भगवान श्रीकृष्ण की उस दिव्य लीला को स्मरण कराता है जब उन्होंने गोवर्धन पर्वत उठाकर वृंदावन के लोगों की रक्षा की थी। इस दिन का उद्देश्य प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करना और भगवान कृष्ण की कृपा के लिए कृतज्ञता प्रकट करना है।

Q2. Govardhan Puja kab hai?

इस वर्ष गोवर्धन पूजा शनिवार, 2 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी।

Q3. Govardhan Puja kis din hai?

गोवर्धन पूजा शनिवार के दिन मनाई जाएगी।

Q4. Govardhan Puja ka shubh muhurat kab hai?

गोवर्धन पूजा 2024 का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर को शाम 6:30 बजे से रात 8:45 बजे तक है।

Q5. Govardhan Puja kab manae jayegi?

गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024, शनिवार को मनाई जाएगी।

Q6. Govardhan Puja ke liye sabse acchi shubhkamnayein kya hain?

“इस पवित्र गोवर्धन पूजा पर भगवान कृष्ण आपके और आपके परिवार की हर बुराई से रक्षा करें। आपको शांति और समृद्धि की शुभकामनाएँ।”
“भगवान कृष्ण की कृपा से आपके जीवन में खुशहाली और सुख समृद्धि आए। गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ!”

Q7. Govardhan Puja kyon ki jaati hai?

गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के वृंदावन की रक्षा में दिए गए योगदान का सम्मान करने के लिए की जाती है। यह त्यौहार प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को स्वीकारने का संदेश देता है।

Q8. गोवर्धन पूजा में क्या किया जाता है?

गोवर्धन पूजा के दिन लोग गोबर से गोवर्धन महाराज की मूर्ति बनाते हैं, फूल और माला अर्पित करते हैं, प्रसाद चढ़ाते हैं, और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। इसमें तिलक लगाना, भजन गाना, प्रसाद अर्पण, और आरती करना शामिल है।

Q9. गोवर्धन पूजा पर क्या नहीं करना चाहिए?

इस दिन पर्यावरण को हानि पहुँचाने वाले वस्त्रों या वस्तुओं का उपयोग न करें। प्लास्टिक या अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल सजावट का उपयोग न करें, क्योंकि यह पर्व प्रकृति के संरक्षण और सम्मान का प्रतीक है।

Q10. गोवर्धन पूजा पर कौन सा रंग पहनना चाहिए?

पीला, नारंगी, या सफेद रंग पहनना शुभ माना जाता है। ये रंग सकारात्मकता और आशीर्वाद के प्रतीक माने जाते हैं।

Q11. गोवर्धन पूजा में क्या पकाया जाता है?

गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट या छप्पन भोग का आयोजन किया जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के पकवान जैसे मिठाई, चावल, दाल, और अन्य शाकाहारी व्यंजन भगवान कृष्ण को अर्पित किए जाते हैं।

Q12. गोवर्धन पूजा पर किसकी पूजा की जाती है?

गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण और गोवर्धन महाराज (गोवर्धन पर्वत का प्रतीक) की पूजा की जाती है।


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